Saturday 14 September 2013

An ode to Facebook...

अविरल, अनवरत, अखण्ड पाठ चलता है चौबीसों घंटे, सातों दिन रसास्वाद चलता है हास्य-व्यंग, मुक्तक-गीत, कहानी-कविता, शे’र-ओ-शायरी, ग़ज़ल-ओ-नज़्म, रुबाई-ओ-क़तआ सबका अलग आनन्द, सबका अलग मज़ा नोक-झोक, मनोविनोद, हास-परिहास, परिचर्चा शुभकामनाएं, दुआएं, प्रवचन पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन मौज-मस्ती, छेड़छाड़, हुडदंग दिल्लगी, प्रणय, प्रेम प्रसंग गोष्ठियां, आध्यात्मिक सत्संग सामाजिक, राजनैतिक विश्लेषण सब साथ चलता है अविरल, अनवरत, अखण्ड पाठ चलता है अद्भुत प्रताप है इस “मुख-पुस्तिका” का चुन्नू, मुन्नू, बब्लू, पिंटू, बबली, तूलिका का कुसुम, लता, सुषमा, पड़ोस वाली सरिता का चाचा-चाची, मामा-मामी, माता का पिता का सबका अपना प्रोफाइल मिलेगा पास सबके लैपटॉप, कंप्यूटर नहीं तो मोबाइल मिलेगा छोटे बड़े अपने-पराये यहीं मिलते है सारे तीज-ओ-त्यौहार अब यहीं मनते है उत्साह, उमंग, उत्सव, उन्माद चलता है अविरल, अनवरत, अखण्ड पाठ चलता है इतना तो प्रत्यक्ष और स्पष्ट है सबका अपना अपना पृष्ठ है इसी पे सब अपनी बात, जवाब-ओ-सवाल कहते है हम इसे अक्सर वाल कहते है यहीं कई सुंदर सन्देश मिलेंगे रोचक टिप्पणियाँ, लेख मिलेंगे कॉफ़ी हाउस व कैंटीन की गुफ्तगू हस्तियों के पेज और कई समूह सब अपना अपना मत प्रकट करते है कभी मान जाते है कभी हठ करते है शास्त्रार्थ, तर्क-वितर्क, निरंतर संवाद चलता है अविरल, अनवरत, अखण्ड पाठ चलता है हर आयु, जाति, वर्ग, के भिन्न सम्प्रदाय और धर्म के अलग ‘अचार-ओ-विचार’, वर्ण के लोग मिलेंगे आज ही नहीं रोज़ मिलेंगे नए नए प्रयोग मिलेंगे आनंद लीजिये चैट के चटकारों का नए चुटकुलों लतीफों, विचारों का कहीं किसी ने मज़हबी, सियासी बहस छेड़ दी तो किसी ने आकर वहीँ अपनी भड़ास उड़ेल दी कोई किसी के पक्ष में खड़ा हो गया इतनी ज़रा सी बात पे झगडा हो गया नित्य नया विषय, मुद्दा, विवाद चलता है अविरल, अनवरत, अखण्ड पाठ चलता है अमूमन सीधे, सरल, नेक मिलेंगे कुछ उदार, सेक्युलर, हिप्पोक्रेट मिलेंगे सरफिरे आशिक़, दिलफेंक मिलेंगे एक ढूढिये अनेक मिलेंगे और कई छद्म नाम से फेक मिलेंगे जन्मदिन पे दुआएं और केक मिलेंगे इस आभासी संसार का अहसास निराला है कहीं उजला तो कहीं कुछ काला है खट्टा-मीठा अनुभव साथ साथ चलता है अविरल, अनवरत, अखण्ड पाठ चलता है सुदूर बैठे-बिठाए पुराने-नये मित्र मिलेंगे कुछ अनूठे अजूबे कुछ विचित्र मिलेंगे कई हमदर्द भी सच्चे इर्द-गिर्द मिलेंगे अद्भुत अनोखे देखने को चित्र मिलेंगे कुछ ऐसे देखकर दिल खिल जाते है कई बिछड़े साथी सहपाठी मिल जाते है पेज अपना, वाल अपनी, पोस्ट अपना यही सखा, यही बंधु, यही दोस्त अपना हमसफ़र जैसे हाथो में लिए हाथ चलता है अविरल, अनवरत, अखण्ड पाठ चलता है अभिव्यक्ति का अद्भुत माध्यम ये यही आवाज़, यही कागज़, कलम ये घुटते उद्गारों के जैसे वंश मिल गया चारदीवारी में गृहणियों को भी एक मंच मिल गया संग जन-भावनाओं के हर समाचार होता है यूं समझिये पूरा का पूरा अखबार होता है हर वेदना संवेदना का खुल के इज़हार होता है कोई कवि, लेखक पत्रकार होता है हर व्यक्ति विचारक, कलमकार होता है तकरार, मोहब्बत, प्यार होता है हर रिश्ता स्नेही प्रगाढ़ होता है सिलसिला ये आठों-पहर दिन-रात चलता है अविरल, अनवरत, अखण्ड पाठ चलता है झुक जाए आसमान, वो ज़मीं भी यही है कई आंदोलनों की पृष्ठ-भूमि भी यही है समानांतर सापेक्ष सत्याग्रह, अनशन के लिए यहीं लोग जुड़ जाते है किसी मिशन के लिए नुक्कड़ नाटक सरीखा मंचन होता है क्रांतिकारी, ओजस्वी भाषण होता है इन्ही पन्नों पे ज़िंदाबाद-मुर्दाबाद चलता है अविरल, अनवरत, अखण्ड पाठ चलता है आचार-व्यवहार, शिष्टाचार भी अनूठे है कुछ सच्चे सही पर कुछ झूठे है कमेंट्स, लाइक्स का आदान-प्रदान होता है बड़ी उदारता से प्रशंसा और बखान होता है सब एक दूजे की केयर करते है अच्छी न भी लगे पर शेयर करते है वाह वाह, बहुत खूब, उम्दा तारीफों का जखीरा और पुलिंदा हर पंक्ति, हर रचना, हर मुक्तक की महिमा अपरम्पार है इस ‘मुख-पुस्तक’ की जितना बांटिये उतना ये प्रसाद चलता है अविरल, अनवरत, अखण्ड पाठ चलता है दूरियों देशांतर के भेद मिट गए सारे के सारे इस पिटारे में सिमट गए अद्भुत कमाल इस तकनीकी तंत्र का जाप निरंतर चलता है इस मंत्र का जरिये इसके दुनिया जहाँ से रूबरू होते है एक से खतम तो दूसरे से शुरू होते है यूं ही विचार-विमर्श, वार्तालाप चलता है छोटी बड़ी पूँजी से ये समाजवाद चलता है बैठ बैठ कुर्सी पे सारा राजपाट चलता है अविरल, अनवरत, अखण्ड पाठ चलता है ००० महर्षि जुकरबर्ग की इस अद्भुत रचना को शत् शत् नमन !!! ०००https://soundcloud.com/pendyala-pradeep/amit-harsh-ki-rachna

2 comments:

  1. reality about fb world. enjoyed reading it...
    Chandra Gurung

    ReplyDelete
  2. Dear Chandra Gurung sir, it is in audio form too, you may like sir...kindly click on the link shown to hear the message in my voice sir

    ReplyDelete