ग़म हो, हम हो, तन्हाई हो
~ तो शायरी होती है ~
हुस्न हो, अदा हो, अंगडाई हो
~ तो शायरी होती है ~
ख्यालात हो, जज़्बात हो, गहराई हो
~ तो शायरी होती है ~
इश्क हो, मोहब्बत हो, आशनाई हो
~ तो शायरी होती है ~
तसव्वुर हो, त’अश्शुक हो, तन्हाई हो
~ तो शायरी होती है ~
सुर हो, सुरा हो, सुराही हो
~ तो शायरी होती है ~
फ़स्ल हो, वस्ल हो, जुदाई हो
~ तो शायरी होती है ~
फरेब हो, धोखा हो, बेवफाई हो
~ तो शायरी होती है ~
ज़िक्र हो, चर्चा हो, रुसवाई हो
~ तो शायरी होती है ~
भूख हो, ग़ुरबत हो, महंगाई हो
~ तो शायरी होती है ~
कागज़ हो, क़लम हो, रोशनाई हो
~ तो शायरी होती है ~
रात हो, याद हो, नींद न आई हो
~ तो शायरी होती है ~
रुठना-मनाना, मीठी सी लड़ाई हो
~ तो शायरी होती है ~
मौसम आशिक़ाना, रुत हसीं छाई हो
~ तो शायरी होती है ~
बहार में कहीं कोई कली मुस्कुराई हो
~ तो शायरी होती है ~
भूले से किसी की याद चली आई हो
~ तो शायरी होती है ~
संग सितारों के चांदनी उतर आई हो
~ तो शायरी होती है ~
खुला आकाश, छत हो, चारपाई हो
~ तो शायरी होती है ~
जग अपना या फिर हर शै पराई हो
~ तो शायरी होती है ~
न फैसला, न इंसाफ, न सुनवाई हो
~ तो शायरी होती है ~
कंप्यूटर हो, मोबाइल हो, Wi-Fi हो
~ तो शायरी होती है ~
महफ़िल हो, सामिअ हो, वाहवाही हो
~ तो शायरी होती है ~
जानते है सब, पर न किसी ने बताई हो
~ तो शायरी होती है ~
दिल दिलदार, पर पास न एक पाई हो
~ तो शायरी होती है ~
गैरों से मरहम, चोट अपनों से खाई हो
~ तो शायरी होती है ~
मुखालिफ़ हवाओं के शमां जलाई हो
~ तो शायरी होती है ~
लगा के बाज़ी दिल की किस्मत आजमाई हो
~ तो शायरी होती है ~
सनम बेवफा, बलम हरजाई हो
~ तो शायरी होती है ~
जुबां पे झूठ पर दिल में सच्चाई हो
~ तो शायरी होती है ~
दुःख में सुख और कोई सुख दुखदायी हो
~ तो शायरी होती है ~
हारकर खुद किसी को बाज़ी जिताई हो
~ तो शायरी होती है ~
फ़क़त रहने को जिंदा तमाम उम्र गंवाई हो
~ तो शायरी होती है ~
एक रोज़ मरने केलिए सारी जिंदगी बिताई हो
~ तो शायरी होती है ~
मुस्तकिल मुद्दों के मुख्तलिफ बात उठाई हो
~ तो शायरी होती है ~Amit Harsh.
https://soundcloud.com/pendyala-pradeep/shaayree
~ तो शायरी होती है ~
हुस्न हो, अदा हो, अंगडाई हो
~ तो शायरी होती है ~
ख्यालात हो, जज़्बात हो, गहराई हो
~ तो शायरी होती है ~
इश्क हो, मोहब्बत हो, आशनाई हो
~ तो शायरी होती है ~
तसव्वुर हो, त’अश्शुक हो, तन्हाई हो
~ तो शायरी होती है ~
सुर हो, सुरा हो, सुराही हो
~ तो शायरी होती है ~
फ़स्ल हो, वस्ल हो, जुदाई हो
~ तो शायरी होती है ~
फरेब हो, धोखा हो, बेवफाई हो
~ तो शायरी होती है ~
ज़िक्र हो, चर्चा हो, रुसवाई हो
~ तो शायरी होती है ~
भूख हो, ग़ुरबत हो, महंगाई हो
~ तो शायरी होती है ~
कागज़ हो, क़लम हो, रोशनाई हो
~ तो शायरी होती है ~
रात हो, याद हो, नींद न आई हो
~ तो शायरी होती है ~
रुठना-मनाना, मीठी सी लड़ाई हो
~ तो शायरी होती है ~
मौसम आशिक़ाना, रुत हसीं छाई हो
~ तो शायरी होती है ~
बहार में कहीं कोई कली मुस्कुराई हो
~ तो शायरी होती है ~
भूले से किसी की याद चली आई हो
~ तो शायरी होती है ~
संग सितारों के चांदनी उतर आई हो
~ तो शायरी होती है ~
खुला आकाश, छत हो, चारपाई हो
~ तो शायरी होती है ~
जग अपना या फिर हर शै पराई हो
~ तो शायरी होती है ~
न फैसला, न इंसाफ, न सुनवाई हो
~ तो शायरी होती है ~
कंप्यूटर हो, मोबाइल हो, Wi-Fi हो
~ तो शायरी होती है ~
महफ़िल हो, सामिअ हो, वाहवाही हो
~ तो शायरी होती है ~
जानते है सब, पर न किसी ने बताई हो
~ तो शायरी होती है ~
दिल दिलदार, पर पास न एक पाई हो
~ तो शायरी होती है ~
गैरों से मरहम, चोट अपनों से खाई हो
~ तो शायरी होती है ~
मुखालिफ़ हवाओं के शमां जलाई हो
~ तो शायरी होती है ~
लगा के बाज़ी दिल की किस्मत आजमाई हो
~ तो शायरी होती है ~
सनम बेवफा, बलम हरजाई हो
~ तो शायरी होती है ~
जुबां पे झूठ पर दिल में सच्चाई हो
~ तो शायरी होती है ~
दुःख में सुख और कोई सुख दुखदायी हो
~ तो शायरी होती है ~
हारकर खुद किसी को बाज़ी जिताई हो
~ तो शायरी होती है ~
फ़क़त रहने को जिंदा तमाम उम्र गंवाई हो
~ तो शायरी होती है ~
एक रोज़ मरने केलिए सारी जिंदगी बिताई हो
~ तो शायरी होती है ~
मुस्तकिल मुद्दों के मुख्तलिफ बात उठाई हो
~ तो शायरी होती है ~Amit Harsh.
https://soundcloud.com/pendyala-pradeep/shaayree
No comments:
Post a Comment